tag:blogger.com,1999:blog-4021478441369726517.post6363345220819865291..comments2023-12-31T12:38:02.464-08:00Comments on Tarique: होलिका दहन (आग) से अल्लाह ने पैग़म्बर इब्राहीम (प्रहलाद) कोMohammed Tarique Azmihttp://www.blogger.com/profile/17133579686006547678noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4021478441369726517.post-42343214894441378722012-08-04T05:07:11.912-07:002012-08-04T05:07:11.912-07:00मुसलमान कुरआन को अल्लाह की किताब बताते हैं और कहते...मुसलमान कुरआन को अल्लाह की किताब बताते हैं और कहते हैं कि कुरआन की बातें अटल हैं. और कुरआन के आदेशों में कोई अंतर नही है . लेकिन अल्लाह ने कुरआन में ऐसे कई आदेश दिए है, जो परस्पर विरोधी है, ऐसे कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं. आप फैसला कीजिए -<br /><br /><br />1. लोगों को को बहकाने वाला कौन है ? --<br /> "शैतान ने कहा मैं तेरे बन्दों को बहकाउंगा, और उन्हें गुमराही और कामना के जाल में फसा दूँगा. सूरा -अन निसा 4 :119. <br /><br />"अल्लाह जिसको चाहता है गुमराही में डाल देता है. और जिसे चाहे सीधा मार्ग दिखा देता है. सूरा - अन नहल 16 :93. <br /><br /><br />2. बाप और भाई के प्रति व्यवहार कैसा हो ? --<br /><br />"यदि वे तुम्हारे ऊपर उस बात पर दवाब डालें जिसका तुझे ज्ञान नहीं हो, तो भी दुनिया में उनके साथ भला व्यवहार करो.सूरा लुकमान 31 :15 <br /><br />"अपने भाइयों और बापों को मित्र नहीं बनाओ यदि वे कुफ्र को पसंद करें, जो मित्र बनाएगा जालिम होगा.सूरा अत तौबा 9 :23.<br /><br /><br />3. क्या नया जीव पैदा करेंगे ? --<br /><br />"नया जीव पैदा करना वैसा ही है, जैसे तुम सबको पैदा किया है. अल्लाह देखने और सुनाने वाला है. सूरा- अल कियामा 67 : 3 -4. <br /><br />"क्या मनुष्य यह समझता है कि हम उसकी हडियों को जमा नही करेंगे, हम उसकी पोर पोर ज़िंदा कर देंगे. अल कियामा 67 :3 -4.<br /><br /><br />4. मनुष्य को किस लिए बनाया ? --<br /><br />"हे लोगो अल्लाह तो अपेक्षा रहित है, स्वतंत्र है, और अपने आप प्रशंसा का अधिकारी है.सूरा -अल फातिर 35 :15. <br /><br />"हमने जिन्नों और इंसानों को इसलिए बनाया कि वे सदैव हमारी तारीफ़ करते रहें. सूरा -अज जारियात 51 :56.<br /><br /><br />5. आपत्ति किस की तरफ से आती है ? --<br /><br />"मुहम्मद कहदो हरेक आपति अल्लाह की तरफ से आती है. इन लोगों को क्या हो गया कि समझ के पास नहीं आते. सूरा-अन निसा 4 :78. <br /><br />"जो भी आपत्ति आती है, खुद तुम्हारी तरफ से आती है. मुहम्मद हमने तुम्हें गवाह बनाया है.सूरा -अन निसा 4 :79.<br /><br /><br />6. काफिर बनवाने वाला कौन है ? --<br /><br />"कोई भी अल्लाह के आदेश के बिना ईमान नहीं ला सकता. अल्लाह ही खुद लोगों के दिलों में कुफ्र और शिर्क की गंदगी डालता है. यूनुस 10 : 100. <br /><br />"इसमे संदेह नहीं कि लोगों ने खुद को घाटे में ड़ाल लिया है , और ईमान नहीं लाते. सूरा अल अन आम 6 :12".<br /><br /><br />7. भूमि को आबाद कौन करता है ? --<br /><br />"मनुष्य ताकत में इतने बढ़ कए कि उन्होंने भूमि को उथल पुथल करके आबाद कर दिया. सूरा -अररूम 30:9. <br /><br />"अल्लाह ही तो है, जिसने मुर्दा जमीन को ज़िंदा किया और आबाद कर दिया.सूरा -फातिर 35 :9.<br /><br /><br />8. माफ़ कर दें या लड़ाई करें ? --<br /><br />"कहदो, जो लोग ईमान लाये, वे उनको माफ़ कर दें जो ईमान नहीं लाये. ताकि वे उसका फल पायें, जो वे कमाते हैं. सूरा -अल्जारिया 45 :14 <br /><br />"जो अल्लाह और रसूल पर ईमान नहीं लाते, उनसे इतना लड़ो कि वे जजिया देने पर विवश हो जाएँ. सूरा-अत तौबा 9 :29.<br /><br /><br />9. झगड़ा हो तो क्या करें ? --<br /><br />"मुहम्मद यदि कोई तुम से झगड़ा करे, तो कह दो मैंने और मेरे अनुयायिओं ने अपने आपको अल्लाह के हवाले किया सूरा-आले इमरान 3 :20. <br /><br />"मुहम्मद तुम उन से इतना लड़ो कि वे बाक़ी न रहें, और कोई झगड़ा न रहे. सूरा -अल अन्फाल 8 :39.<br /><br /><br />10. बलात्कारिओं की सजा क्या होगी ? --<br /><br />"और यदि तुम्हारी स्त्रियाँ जो व्यभिचार में पकड़ी जाएँ, उन पर अपने में से चार गवाह लो, फिर यदि वे गवाही दे दें तो, औरतों को घर में बंद करके रख लो. यहाँ तक उनको मृत्यु ग्रस्त ले. सूरा -अन निसा 4 :15. <br /><br />"व्यभिचार करने वाले पुरुष और स्त्री में से हरेक को 100 कोड़े मारो. तुम्हें उन पर तरस नही आये सूरा -अन नूर 24 :2. <br /><br /><br />11. जन्नत में कौन जाएगा ? --<br /><br />"अल्लाह का अनुग्रह है वह जिसे चाहे जन्नत प्रदान कर देता है. अल्लाह बड़ा अनुग्रह वाला है सूरा -अल हदीद 57 :21. <br /><br />"जन्नत जिसका विस्तार आकाशों और धरती जैसा है वह उनके लिए है, जो डरते हैं. सूरा -आले इमरान 3 :133. <br /><br /><br />आम तौर पर यदि कोई व्यक्ति अपनी बात से पलटता है, और अपने एक कथन के विपरीत दूसरी बात कहता है तो, लोग ऐसे व्यक्ति पर विश्वास नही करते. और नही उसका सम्मान करते. ऐसे व्यक्ति को लोग दोगला कहते हैं आपके सामने दोनो बयान दिए गए है. आप लोग खुद फैसला करिए. क्या आप अल्लाह या कुरआन की बात मान सकते हैं ?pshyco.shttps://www.blogger.com/profile/03448807607499575451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4021478441369726517.post-46799425990770934002012-08-04T04:53:45.468-07:002012-08-04T04:53:45.468-07:00This comment has been removed by the author.pshyco.shttps://www.blogger.com/profile/03448807607499575451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4021478441369726517.post-75954038452130926862011-11-01T09:08:29.466-07:002011-11-01T09:08:29.466-07:00Messenger/paigambar/eeshdoot/sandeshta are the wor...Messenger/paigambar/eeshdoot/sandeshta are the words often used for Rasool/Nabi S.A.W,but do not seem proper bcoz Nabi is highest Example Setter,Trainer,Demonstrator,Hallower,Teacher,Spiritual guider,knowledge distributor etc......so on in the highest quality & degree. Person who is merely “messenger’ need not comprehend or understand the message,or agree with it’s contents, what to speak of demonstration/setting up examples etc. Thus it appears that Allah ke Numaindah/Mukhtar, Representative/Attorney of Allah(Almighty Supreme Creator),Parameshwar Pratinidhi seems to be more suitable.Khuda for Allah is also inappropriate. Word “Bhagwan” signifies exceptional man( Mard e huda or Mard e Kaamil),& Bhagwati=exceptional lady.Thus Bhagwaan & Bhagwati r not proper for the Almighty Eternal God.Kazi Sabeeh Ahmed Indiahttps://www.blogger.com/profile/11281162087517291946noreply@blogger.com