Monday, 19 December 2011

आम आदमी से जुडी समस्या ..... घुमक्कड़ जिज्ञासा

सुना था की असली समाज आम ज़िन्दगी से होकर गुज़रता है आम इंसानों की आम समस्या की झलक देखने के लिए अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा लेकर मै बिना किसी आरक्षण के निकल पड़ा सबसे पहले पंहुचा मै लखनऊ के छोटी लाइन प्लेटफोर्म नंबर ६ पर मुझे कानपुर के लिए चित्रकूट एक्सप्रेस से सफ़र करने के लिए वह देखा की प्लेटफोर्म के किनारे एक लम्बी लाइन लगी है औरते बच्चे और बुधे सभी उस खुले मैदान के ओस पड़ती शाम में सुसुवा रहे थे कुछ TC वह खडे थे और स्टेशन के अन्दर आने वाले सभी का टिकट जांच रहे थे नियम के तहत सिर्फ जाने वाले अथवा वह मौजूद संदिग्ध का टिकट ही पूछ सकते है मुझसे पूछा गया टिकट कहा है मैने निकाल कर दिखा दिया पूछा गया की वेटिंग बनवाना है मैने जवाब दिया नहीं मुझसे कहा गया वह लाइन में खडे हो जाओ मैने पूछा क्यों आप किस बात की ये लाइन लगवाई है जवाब आया नेतागिरी न करो और जाकर खडे हो जाओ मैने उसी अंदाज़ से जवाब दिया की अगर मै नेतागिरी करूँगा तो आप खडे नहीं हो पायेंगे भारी patthar देख कर एक bola sir आप मैने सच जानने के लिए बैग अपना काच में रक्खा और आकार उनलोगों के बगल में खड़ा हो गया तभी एक लड़की जींस और जैकेट पहने निकली एक TC ne अश्लील आह भरी अचानक उसने मुझे देखा और bola thand thoda zaadaa है मैने जवाब दिया हा उम्र का तकाजा है aapki maloom करने पर pata chala की mumbai जाने wali train में sadharan टिकट लेकर chaley walo ko ये  लाइन की वजह जानने के लिए मै बेकरार हो रहा था मैने पता किया तो पता चला की ये साधारण टिकट लेकर चलने वाले साधारण लोग है और इनको ऐसे ही परेशां किया जाता है अभी यहाँ कुछ कुली आयेंगे और साधारण डिब्बो की सीट पर बैठे रहेंगे फिर उस सीट को २०० के हिसाब से बेचेंगे और आधा हिस्सा इनका होगा

फिर देखा हुवा भी ऐसा ही ट्रेन आई और फिर चालू हुवा यात्रियों को लूटने का जुगाड़ मनचले TC की मटरगस्ती 
फिर भी कई यात्री छुक गए ट्रेन पकडने से यह है आम आमदी को लूटने का सबसे आसान जुगाड़ क्या कोई इनकी कभी सुननेगा ..........?
ये था इस सफ़र का पहला हिस्सा ................\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\ यात्रा अभी बाकि है मेरे दोस्त 

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