Wednesday, 18 May 2011

एक और मुस्लमान पर हुवा अत्याचार

 ये सत्य घटना है बनारस के कान्त थाने की
यहाँ के नदेसर नाम के इलाके से एक मुस्लिम सोसिअल एक्टिविस्ट ईसा आज़मी एक ऑटो शॉप जो की एक दबंग की है पर कुछ खरीदारी करने को गई थे अभी गाड़ी कड़ी ही कर रहे थे की वह कड़ी एक गाड़ी को धक्का लग गया और गाड़ी गिर पड़ी अंदर से दूकानदार आया और गलिय देना चालु कर दिया हमारे ईसा साहेब ने कहा की भाई क्यों गुस्सा होते हो अगर गाड़ी को नुक्सान हुवा है तो हमसे हर्जाना ले लो इतने में वह दूकान में बैठे नदेसर चौकी इन्चार्गे अशोक कुमार सिंह दारू के नशे में धुत्त निकले और नाम पूछा जब इन्हों ने अपना नाम बताया तो बोले अच्छा तू आतंकवादी और पकड़ कर चौकी ले गई और कहा बता आतंकवादी तेरा ठिकाना कहा है एक पर ईसा साहेब ने कहा की मुस्लमान होना क्या आतंकवादी होना है तो बस फिर क्या था एक तो दारू का नशा और उसपर ओहदे का नशा मगाया लाठी और कर डाला बुरा हाल ईसा साहब का बेहोश कर के छोरा बेचारे उनके भाई जो कौम के लिए हमेशा खडे रहते थे हमेशा शासन प्रशासन का सहयोग करते थे उन्होंने कप्तान साहब से फरियाद की कप्तान साहब ने ताला और कहा जाकर फ़ोन पर बात करवा दो बात करने को फ़ोन दिया तो वो भी टूट गया
ये है हालात मुसलमानों की उत्तर प्रदेश में फिर भी नेता कहते है की हम धर्म निरपेछ है कहा है सत्ता के ठेकेदार और कहा है हमारा वोट पाने  वाले हमारे ठेकेदार  

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