ये सत्य कथा है उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर जिले की और ये घपला है करोरो का जी हमारे प्रदेश के लिए ये पंक्ति सही होगी
UGC किसी भी प्रकार का डिप्लोमा इस महाविद्यालय को नहीं दिया गया है महाविद्यालय क्या UGC अब विश्वविध्यालयो को भी नहीं देती है डिप्लोमा परन्तु प्रबंधक के पास मौखिक है आदेश और वह धड़ल्ले से फर्जी डिप्लोमा वो भी २-२ चला रहे है जिसको PG के छात्रों को लेना आवश्यक है और तो और उसकी फीस की कोई रसीद भी नहीं मिलती है और प्राचार्य जी अपने हस्ताक्षर से यह खेल चला रहे है २ वर्षो से प्रबंधक का हिस्सा बताया जाता है १५% और सेनापति अर्थात रविंदर मिश्र का २०% बाकि सब अरबिंद पाण्डेय प्राचार्य के जेब के अन्दर जाता आरहा है
अब उन्हों ने एक नया कांड और भी कर डाला वो है अपने अंशकालिक pravaktao jo 25 है में से 17 को मौखिक nikaal देना मुझे इसका संगायन हुवा और मैने प्राचार्य से संपर्क किया तो उन्हों ने बताया की किसी को भी नहीं निकाला गया है और दिखाया की जुलाई और जून का वेतन तक दिया है मैने देखा सारा किखा पढ़ा सही था मैने सोचा की प्रवक्ता झूठ बोल रहे है मै वह से वापस आया तो प्राक्ताओ से जानकार आश्चर्य हुवा की उनको मार्च से ही वेतन नहीं मिला है मैने वेतन छोड़ कर उनकी वापस बहाली पर दबाव बनाया तो वो प्रबंधक पर ताल गए प्रबंधक सेनापति पर सेनापति ने कहा मेरे कानो में की प्रति प्रवक्ता ५००० लगेगा सबका करवा दूंगा यह जान मैने अपने एक परिचित को फोन किया उन्होंने अपने कुछ सहयोगी वह भेजे उनलोगों ने ज्ञापन दिया तो कल प्रबंधक साहेब ने ४८ घंटो का समय माँगा है
देखो भाई ये है घोटाला लगभग ६०००० हर माह और फर्जी डिप्लोमा का लगभग ५ करोर अलग से
भाई लोकपाल लाने से और जन्तार्मंतर या फिर रामलीला में अपनी लीला करने से भरष्टाचार ख़तम नहीं होगा बल्कि उसको सड़क से ख़तम करना होगा
ये है उत्तर प्रदेश मेरे यार
जहा हर तरफ भरष्टाचार
सुल्तानपुर जिले कादीपुर तहसील में स्थित है संत तुलसीदास PG कॉलेज जो संबध है राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से जहा प्रति वर्ष विगत ३ वर्षो से छात्रों का शोषण हो रहा है मगर इस बार स्थिति थोडा जादा ही विचित्र विचित्र रूप ले चुकी है आपको बताता हु पहले यहाँ के हिटलर और घोतालेयबaजो के सम्बन्ध में
सबसे बडे यानि की रजा है घोटालो के श्री डाक्टर अरबिंद पाण्डेय उनके बगल में है प्रबंधक श्री सौरभ उर्फ़ हनुमान और इन दोनों के सेनापति सेनानाम है डाक्टर रविंदर मिश्र डाक्टर अरबिंद योग से आये है और प्रबंधक अभी नवजवान है कोई अनुभव नहीं है सो वह केवल उनके आदर्शो पर चलता है सेनापति श्री रविंदर मिश्र है तो एक अंशकालिक प्रवक्ता जिनका वेतन ३५०० प्रतिमाह है परन्तु सेनापति पद और नौकरी प्राचार्य की तो उनके पास दो वर्षो में ही चार बंगला सब है.
अब आते है इनके द्वारा खेले जारहे खेल परसबसे बडे यानि की रजा है घोटालो के श्री डाक्टर अरबिंद पाण्डेय उनके बगल में है प्रबंधक श्री सौरभ उर्फ़ हनुमान और इन दोनों के सेनापति सेनानाम है डाक्टर रविंदर मिश्र डाक्टर अरबिंद योग से आये है और प्रबंधक अभी नवजवान है कोई अनुभव नहीं है सो वह केवल उनके आदर्शो पर चलता है सेनापति श्री रविंदर मिश्र है तो एक अंशकालिक प्रवक्ता जिनका वेतन ३५०० प्रतिमाह है परन्तु सेनापति पद और नौकरी प्राचार्य की तो उनके पास दो वर्षो में ही चार बंगला सब है.
UGC किसी भी प्रकार का डिप्लोमा इस महाविद्यालय को नहीं दिया गया है महाविद्यालय क्या UGC अब विश्वविध्यालयो को भी नहीं देती है डिप्लोमा परन्तु प्रबंधक के पास मौखिक है आदेश और वह धड़ल्ले से फर्जी डिप्लोमा वो भी २-२ चला रहे है जिसको PG के छात्रों को लेना आवश्यक है और तो और उसकी फीस की कोई रसीद भी नहीं मिलती है और प्राचार्य जी अपने हस्ताक्षर से यह खेल चला रहे है २ वर्षो से प्रबंधक का हिस्सा बताया जाता है १५% और सेनापति अर्थात रविंदर मिश्र का २०% बाकि सब अरबिंद पाण्डेय प्राचार्य के जेब के अन्दर जाता आरहा है
अब उन्हों ने एक नया कांड और भी कर डाला वो है अपने अंशकालिक pravaktao jo 25 है में से 17 को मौखिक nikaal देना मुझे इसका संगायन हुवा और मैने प्राचार्य से संपर्क किया तो उन्हों ने बताया की किसी को भी नहीं निकाला गया है और दिखाया की जुलाई और जून का वेतन तक दिया है मैने देखा सारा किखा पढ़ा सही था मैने सोचा की प्रवक्ता झूठ बोल रहे है मै वह से वापस आया तो प्राक्ताओ से जानकार आश्चर्य हुवा की उनको मार्च से ही वेतन नहीं मिला है मैने वेतन छोड़ कर उनकी वापस बहाली पर दबाव बनाया तो वो प्रबंधक पर ताल गए प्रबंधक सेनापति पर सेनापति ने कहा मेरे कानो में की प्रति प्रवक्ता ५००० लगेगा सबका करवा दूंगा यह जान मैने अपने एक परिचित को फोन किया उन्होंने अपने कुछ सहयोगी वह भेजे उनलोगों ने ज्ञापन दिया तो कल प्रबंधक साहेब ने ४८ घंटो का समय माँगा है
देखो भाई ये है घोटाला लगभग ६०००० हर माह और फर्जी डिप्लोमा का लगभग ५ करोर अलग से
भाई लोकपाल लाने से और जन्तार्मंतर या फिर रामलीला में अपनी लीला करने से भरष्टाचार ख़तम नहीं होगा बल्कि उसको सड़क से ख़तम करना होगा
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