Thursday 23 August 2012

मुसलमानों को मारा और चलती ट्रेन से बाहर फेक दिया





पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ फैली अफवाह और दहशत के बीच बैंगलौर से असम के लिए जा रही एक विशेष ट्रेन में इकठ्ठा हुई भीड़ ने पहले तो लोगों के आई-कार्ड चेक किए और फिर मार-पीट पर ट्रेन से बाहर फेंक दिया.रोंगटे खड़े कर देने वाली ये घटना है पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की जहां शनिवार को उग्र भीड़ ने ट्रेन के एक डिब्बे के दरवाजों को अंदर से बंद कर दिया. ट्रेन के बंद कंपार्टमेंट में मुसलमानों को चिन्हित कर उनके साथ मारपीट की गई.यात्रियों के साथ लूटपाट और मारपीट के दौरान 14 लोगों को ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और दस बुरी तरह से घायल हो गए. ये सभी मुसलमान थे.इस मामले पर राज्य पुलिस या रेलवे पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.मारे गए लोगों के शव और घायलों को जलपाईगुड़ी के फलाकट और बेलाकोबा स्टेशनों के पास पाया गया.

बैंगलौर में गार्ड का काम करने वाले 22 वर्षीय शाहजहान अहमद चौधरी भी इसी ट्रेन से अपने घर लौट रहे थे. शनिवार को उनके साथ भी मारपीट की गई, जिसके बाद वो नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती हैं.इस सम्बन्ध में पीड़ित के भाई ने बताया "ट्रेन के डिब्बे में सवार सभी लोगों के पहचान पत्र जांचे गए और वहा मिले 14 मुसलमानों को 40-45 लोगों की उग्र भीड़ ने अलग-थलग कर दिया. सभी दरवाजे बंद कर दिए गए और 14 लोगों को भीड़ मारने-पीटने लगी.

हमले के बारे में शाहजहान ने ट्रेन में रहते हुए अपने बड़े भाई जिलान अहमद चौधरी बता दिया था.जिलान अहमद चौधरी के अनुसार "भीड़ के द्वारा चिन्हित किए गए हमारे क्षेत्र के लोगों से मोबाइल फोन और पैसे छीन लिए गए. मार पीट करने वाले लोग धमकी दे रहे थे कि वो चिन्हित किए गए लोगों का गला काट देंगे और ट्रेन से फेंक देंगे. करीब दो-ढ़ाई घंटे तक मारपीट के बाद उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया.बताया जाता है की घटना के वक्त पुलिस वहां नही थी और डिब्बे का दरवाजा बंद होने के कारण दूसरे लोग भी वहां नहीं पहुंच पाए."
बीबीसी संवाददाता अमिताभ भट्टाशाली ने जिलान चौधरी से बात की.
अपने भाई शाहजहान के ब्यौरे को याद करते हुए जिलान अहमद ने कहा, “ट्रेन के डिब्बे में सवार सभी लोगों के पहचान पत्र जांचे गए और वहा मिले 14 मुसलमानों को 40-45 लोगों की उग्र भीड़ ने अलग-थलग कर दिया. सभी दरवाजे बंद कर दिए गए और 14 लोगों को भीड़ मारने-पीटने लगी.”
उन्होंने आगे कहा, “भीड़ के द्वारा चिन्हित किए गए हमारे क्षेत्र के लोगों से मोबाइल फोन और पैसे छीन लिए गए. मार पीट करने वाले लोग धमकी दे रहे थे कि वो चिन्हित किए गए लोगों का गला काट देंगे और ट्रेन से फेंक देंगे. करीब दो-ढ़ाई घंटे तक मारपीट के बाद उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया.”
जिलान अहमद के अनुसार ट्रेन में सवार उनके भाई ने फोन पर उन्हें बताया था कि हिंसक हो चुकी भीड़ में शामिल लोग उसी ट्रेन के यात्री थे और बैंगलौर से ही ट्रेन में सवार हुए थे.
जिलान ने कहा, “घटना के वक्त पुलिस वहां नही थी और डिब्बे का दरवाजा बंद होने के कारण दूसरे लोग भी वहां नहीं पहुंच पाए.”

घायलों की हालत नाजुक

मारे गए चारों लोगों को मंगलवार को उनके गांवों में दफना दिया गया, जबकि बाकी दस का सिलीगुड़ी के एक अस्पताल में उपचार किया जा रही है, जहां उनमें से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है.
असम के हैलाकांडी जिले के पुलिस अधीक्षक ब्रजेनजीत सिंघा ने कहा, “मारे गए चारों लोगों की अंत्येष्टी में करीब छह हजार लोग इकठ्ठा हुए, इलाक़े में तनाव है लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.”
पुलिस का कहना है कि जाकिर हुसैन नाम का एक युवक भी उसी ट्रेन में यात्रा कर रहा था जो हमले के बाद से गायब है.
उत्तर-पूर्व फ्रंटीयर रेल के प्रवक्ता एसएस हाजोंग ने कहा, “ट्रेन में आरपीएफ के दस विशेष तौर पर प्रशिक्षित जवान और पांच रेलवे पुलिस के जवान तैनात थे, लेकिन बंद दरवाजों के बीच क्या हो रहा था ये किसी ने सुरक्षाकर्मियों को नहीं बताया.” 

Friday 20 July 2012

डेरा सच्चा सौदा पर 400 सधुवो को नपुंसक बनाने का आरोप


डेरा सच्चा सौदा की मुश्किले ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रही है अब एक नया आरोप लगा है  सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के आरोपों और उसकी जाँच भी सीबीआई से करने की मांग की गई है। 
इस संबंध में दाखिल याचिका पर वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, सिरसा व फतेहाबाद के एसपी व सीबीआई को 10 अक्तूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

फतेहाबाद निवासी हंस राज चौहान की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि डेरे में रहने वाले साधुओं को सब्जबाग दिखाए गए कि नपुंसक बनने वाले साधुओं को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह ईश्वर के दर्शन करवाएंगे।
उनके झांसे में आकर डेरे में रहने वाले लगभग 400 साधुओं ने अपना आपरेशन करवा लिया। याची ने कहा कि वह भी इन साधुओं में से एक है। उनका जीवन नर्क बन गया है। याची ने कहा कि वर्ष 1990 से वह डेरे से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2000 में ईश्वर के दर्शन करवाने के नाम पर उसके साथ करीब 20 साधुओं को नपुंसक बना दिया गया। इससे उनके शरीर में हारमोनल बदलाव आ गए हैं। लोग उन्हें नपुंसक कहकर छेड़ते हैं।
याचिका में विनोद कुमार नामक साधु का उदाहरण देकर कहा गया कि विनोद ने सिरसा कोर्ट कांप्लेक्स में आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि वह नपुंसक है। याचिका में दावा किया गया है कि इस तरह 400 साधु डेरे में हैं। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस महेश ग्रोवर ने हरियाणा सरकार, सिरसा व फतेहाबाद के एसपी व सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

वही डेरा के प्रवक्ता पवन इंसां और डा. आदित्य इंसां ने बताया कि डेरा विरोधी कुछ लोग डेरा के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हंसराज चौहान उर्फ हकीकी हंस डेरा का साधु रहा है। पांच वर्षो से वह डेरा छोड़ कर जा चुका है। याचिका के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है। लेकिन इसमें जो आरोप लगाए गए हैं वे निराधार हैं।अब यह तो समय बताएगा की क्या सच है और क्या झूठ मगर अभी तो फिर उंगली उठ गयी है 

डेरा में बाबा कैप्सूल खाकर मना रहे थे रंगरेलियां


होशियारपुर के एक होशियार बाबा की करतूत देख कर शैतान भी शर्मा जायेगा घटना है बुल्लोवाला की जहा एक बाबा अपने डेरे में ही रंगरलिय मन रहे थे किसी ने पास के थाने में सूचना दे डाली फिर क्या पुलिस पहुची और बाबा को नंगा गिरफ्तार किया 
.बुल्लोवाल पुलिस ने देर शाम बुल्लोवाल नंदाचौर रोड पर स्थित विख्यात डेरा आनंदगढ़ शहीद सिंघा में कथित रूप से आपत्तिजनक हालत में एक युवक व महिला के साथ डेरे के बाबा तेजा सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने डेरे के कमरे से न सिर्फ शराब व बीयर की बोतल बल्कि जोश लाने वाले कैप्सूल भी बरामद करने का दावा किया है।

यह कार्रवाई होशियारपुर की सत्कार कमेटी की सूचना पर की गई है। सोमवार देर रात डेरे में एक महिला व एक युवक को आते देख कमेटी के सदस्यों ने फौरन इसकी सूचना बुल्लोवाल पुलिस को दे दी। एसएचओ गुरविंदर सिंह ने पुलिस के साथ डेरे में पहुंच तीनों को ही गिरफ्तार कर लिया। एसएचओ गुरविंदर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में डेरे के बाबा तेजा सिंह, युवक बलजिंदर सिंह, जो ताजोवाल गांव का रहने वाला है और गिरफ्तार महिला नजदीकी गांव परागपुर की है। महिला शादीशुदा है व उसका पति व बच्चे दिल्ली में रहते हैं।

महिला पंजाब में बतौर डांसर काम करती है। बुल्लोवाल पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 295 ए के साथ इमॉरल ट्रैफिक एक्ट की धारा 3, 4 व 5 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस कल तीनों ही आरोपियों को अदालत में रिमांड के लिए पेश करेगी।

अमरनाथ में यात्रा के दौरान पंडितो ने बनाया महिला का अश्लील MMS

दर्शन करने वाली महिलाये पहले भी असुरक्षित रहती थी जिसके अनेको उदहारण इतिहास में भरे पडे है वर्तमान में भी कई ऐसे उदहारण है परन्तु मानवता को ही कलंकित करने वाली एक घटना अमरनाथ यात्रा के दौरान सामने आयी है 
जिसमे अमरनाथ यात्रा पर जा रही महिला श्रद्धालुओं का अश्लील एमएमएस बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जालंधर की रहने वाली एक महिला की एफआईआर के बाद श्रीनगर पुलिस ने सेवा शिविर के दो सेवादारों को हिरासत में ले लिया है। 
एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला 11 जुलाई को बालटाल में हेलीपैड के नजदीक बने एक लंगर शिविर में गई थी। यह लंगर जालंधर की ही श्री अमरनाथ (बी) ट्रस्ट ने लगवाया था। महिला जब नहाने के लिए गई तो उसे टीन के पीछे कुछ हलचल महसूस हुई। उसने देखा टीन में बने छेद से युवक झांक रहे थे और उनके हाथ में मोबाइल भी थे। महिला के शोर मचाने पर युवक भाग गए। 
पीड़ित महिला ने घटना की पुलिस में शिकायत की तो पुलिस ने दो सेवादारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। गांदरबल के एसपी शाहिद मेहराज ने कहा, 'मोबाइल से महिला का वीडियो बनाया जा रहा था। दोनों मोबाइल सीज कर लिए गए। प्रारंभिक जांच में क्लिपिंग नहीं मिली हैं। अब मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। हिरासत में लिए गए दोनों युवकों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पहले उन्हें 6 दिन की रिमांड पर भेजा गया था।'
पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है जबकि पीड़ित महिला का कहना है कि उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन इस घटना ने धर्म के नाम पर चल रहे इन शिविरों से श्रद्धालुओं का विश्वास तोड़ दिया है। तीर्थयात्रा पर जा रहे यात्रियों को अब शिविरों में भी पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।वरना कोई आपका कही भी कुछ भी बना सकता है और धर्म के ये ठेकेदारों का कोई कुछ भी नहीं कर सकता है 

एक कंपनी ने काली को 'पोर्न स्‍टार' के तौर पर दिखाया

अमेरिका में  हिंदुओं की कथित  देवी काली का कथित  अपमान हुआ है। वीडियो गेम बनाने वाली अमेरिका की एक कंपनी ने  काली को 'पोर्न स्‍टार' के तौर पर दिखाया गया है। मां काली का इस तरह अपमान SMITE नाम के ऑनलाइन एक्‍शन वीडियो गेम में किया गया है, जिसे जॉर्जिया के हाई-रेज स्‍टूडियोज में डेवलप किया जा रहा है। 
 
अमेरिकी कंपनी के इस कदम का यहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों ने कड़ा विरोध किया है। यूनिवर्सल सो‍सायटी ऑफ हिंदुइज्‍म के प्रेसिडेंट राजन जेड ने कहा कि मां काली के साथ इस तरह के खिलवाड़ से उनके श्रद्धालुओं में गुस्‍सा है जो उन्‍हें पूजते हैं।
 
हिंदू जनजागृति समिति ने वीडियो गेम डेवलप करने वाली कंपनी की आलोचना करते हुए कहा है, 'इस गेम में मां काली को बड़े ही खराब तरीके से पेश किया गया है। काली माता हिंदुओं की देवी हैं और एक अरब से ज्‍यादा हिंदू इनकी पूजा करते हैं। अमेरिकी कंपनी ने हिंदू समुदाय की देवी-देवताओं का अपमान किया है क्‍योंकि देवी-देवताओं को ऑनलाइन गेम्‍स के लिए इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता है।'
 
हिंदू संगठनों ने यह गेम डेवलप करने वाले स्‍टूडियो के खिलाफ दुनियाभर में विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है। इन संगठनों ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने के लिए बिना शर्त माफी की मांग की है। 
 
इससे पहले, अमेरिका में बीयर का नाम मां काली पर रखकर हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया गया था। मेरे ये नहीं समझ में अरह है की अब देश में जो कथित भगवाधारी है कहा है जाकर अमेरिका से लडते क्यों नहीं है या फिर अब चुदिया पहन ली है हाथो में 

Friday 13 July 2012

वेदों में अश्लील बातें

-वेदों में कैसी-कैसी अश्लील बातें भरी पड़ी है,इसके कुछ नमूने आगे प्रस्तुत किये जाते हैं (१) यां त्वा .........शेपहर्श्नीम || (अथर्व वेद ४-४-१) अर्थ : हे जड़ी-बूटी, मैं तुम्हें खोदता हूँ. तुम मेरे लिंग को उसी प्रकार उतेजित करो जिस प्रकार तुम ने नपुंसक वरुण के लिंग को उत्तेजित किया था.
(२) अद्द्यागने............................पसा:|| (अथर्व वेद ४-४-६) अर्थ: हे अग्नि देव, हे सविता, हे सरस्वती देवी, तुम इस आदमी के लिंग को इस तरह तान दो जैसे धनुष की डोरी तनी रहती है
(३) अश्वस्या............................तनुवशिन || (अथर्व वेद ४-४-८) अर्थ : हे देवताओं, इस आदमी के लिंग में घोड़े, घोड़े के युवा बच्चे, बकरे, बैल और मेढ़े के लिंग के सामान शक्ति दो
(४) आहं तनोमि ते पासो अधि ज्यामिव धनवानी, क्रमस्वर्श इव रोहितमावग्लायता (अथर्व वेद ६-१०१-३) मैं तुम्हारे लिंग को धनुष की डोरी के समान तानता हूँ ताकि तुम स्त्रियों में प्रचंड विहार कर सको.
(५) तां पूष...........................शेष:|| (अथर्व वेद १४-२-३८) अर्थ : हे पूषा, इस कल्याणी औरत को प्रेरित करो ताकि वह अपनी जंघाओं को फैलाए और हम उनमें लिंग से प्रहार करें.
(६) एयमगन....................सहागमम || (अथर्व वेद २-३०-५) अर्थ : इस औरत को पति की लालसा है और मुझे पत्नी की लालसा है. मैं इसके साथ कामुक घोड़े की तरह मैथुन करने के लिए यहाँ आया हूँ.
(७) वित्तौ.............................गूहसि (अथर्व वेद २०/१३३) अर्थात : हे लड़की, तुम्हारे स्तन विकसित हो गए है. अब तुम छोटी नहीं हो, जैसे कि तुम अपने आप को समझती हो। इन स्तनों को पुरुष मसलते हैं। तुम्हारी माँ ने अपने स्तन पुरुषों से नहीं मसलवाये थे, अत: वे ढीले पड़ गए है। क्या तू ऐसे बाज नहीं आएगी? तुम चाहो तो बैठ सकती हो, चाहो तो लेट सकती हो.

रामायण तो मैंने पड़ी है ओउर हमारे पुरखों ने लिखी भी है रामायण में शुरू से आखरी तक सेक्स ही सेक्स भरा है उदहारण के लिए दशरथ के ४ रानियाँ थी जिनके साथ वो सेक्स करता था लक्ष्मण को सेक्स की भूक नहीं थी इस लिए वो उर्मिला को जंगल में नहीं ले गया रावन को सेक्स की भूक थी इसलिए वो सीता को पकड़ ले गया ओउर २ साल तक अपनी सेक्स की आग भुजता रहा नरम को सेक्स की भूक बिउल्कुल भी नहीं थी तभी उन्होंने सीता को फिर जंगल में भेज दिया लव कुश सेक्स के द्वारा ही पैदा हुए बहुत कुछ है रामायण में सेक्स के बारे में

Monday 2 July 2012

मुसलमानों के 50 से ज़्यादा घर जलाकर राख कर दिए गए


प्रतापगढ़ ज़िले के अस्थान गाँव में मुसलमानों के 46 से ज़्यादा घर जलाकर राख कर दिए गए हैं, साजिश और दुर्भावना को देखते हुए मुझे तो यकबारगी ऐसा ही लगा कि क्या यूपी में मोदी की सरकार है? मुस्लिम बहुल इलाके में घुस कर पुरे गाँव में हिन्दुओं ने उन्हें उनके घर जलाने के बाद खदेड़ कर गाँव के बाहर कर दिया और सभी लोगों लोगों को मजबूरन पास के बारे इलाके में स्थित एक मदरसे में पनाह लेनी पड़ी. जैसा कि आप तस्वीरों में देख रहे हैं कि किस तरह पीड़ित परिवारों की  महिलाओं और बच्चो सहित पूरा परिवार स्कूल में पनाह लिए हुए है. गुजरात में हुआ ठीक उसी तर्ज पर हिन्दुओं ने पुलिस की मौजूदगी में इस तरह का दुष्कृत्य किया जिससे मानवता शर्मशार तो हुई ही साथ ही साथ भारतीय लोकतंत्र को भी गहरा आघात पहुंचा था, ठीक वही पिछले शनिवार प्रतापगढ़ में हुआ. बड़े पैमाने पर जो आगज़नी जो क्रुद्ध भीड़ ने मुस्लिम घरो में की उससे देख कर यूपी में सपा सरकार को बहुमत से बनवाने में ठगा सा महसूस कर रहा है मुसलमान क्यूंकि अभी कोसी कलां में भी इसी तर्ज पर मुस्लिम घरो को 
 तबाह व बर्बाद किया गया. मुसलमानों के घर जलाने के पीछे जिस तरह से बल्वाईयों को सपोर्ट और तत्परता में ढीलाई शासन स्तर से की गयी वहशासन तंत्र में गुसपैठ कर चुकी संघी सोच को दर्शाता है.बहाना और आरोप था कि एक हिन्दू लड़की का बलात्कार किया गया और उसे मार डाला गया. जिस व्यक्ति पर आरोप था उसे जानबूझ कर पुलिस ने थाने पर ही रखा जबकि उस पर कारवाई करके जेल भेज देना चाहिए. इस बीच शरारती तत्वों को इस पूरे षड्यंत्र को करने के लिए भरपूर वक़्त मिला और उन्हें शासन द्वारा स्वतंत्रता भी दी गयी. एक दिन के बाद पोस्टमार्टम के बाद लड़की के शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा थानियोजित तरीके से सड़क पर रखा गया था और लगभग 10000 (दस हज़ार) क़ी हिन्दुओंभीड़ ने मुस्लिम बुनकर बहुल गाँव अस्थान में घुस कर हर घर में खूब तबाही मचाई. उन्होंने हर घर को तहस-नहस कर दिया और गैस के सिलेंडरों को घर को उड़ाने में इस्तेमाल किया और औरतों और बच्चों पर ज़ुल्म किया. हिन्दुओं (बल्कि आतंकवादिओं) का तांडव यही नहीं रुका उन्होंने मस्जिद में भी आग लगा दी और यह सब तांडव सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चलता रहा और न तो थाने से न तो शासन स्तर पर कुछ भी कार्यवाही क़ी गयी जबकि थाने के कर्मचारी वहां मौजूद थे. शाम को सादे छ्ह् बजे के बाद पुलिस ने लोगों को बचाने का काम शुरू किया. अस्थान गाँव के लोगों का कहना है कि दंगाईयों में सपा के नेता भी थे. 

इस तरह से एक बार फिर मुसलमान बलि का बकरा बन गया. सबसे हैरानी क़ी बात यह है कि इसी प्रतापगढ़ से 2 कैबिनेट मंत्री राजा राम पाण्डेय  और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया हैं लेकिन उन दोनों में कोई भी बचाव के लिए नहीं आया. मैं बतात चलूँ कि निर्दलीय राजा भैया को जब सीएम् अखिलेश यादव ने मंत्री मंडल में शामिल किया था तो मीडिया समेत कई मुस्लिम लीडर और खासकर मुस्लिम तबक़ा नाराज़ भी था क्यूंकि सभी राजा भैया क़ी संघी सोच से वाकिफ़ हैं. वैसे अस्थान गाँव में कई बस्तियां है और पिछली बार यहाँ के इतिहास में पहली दफ़ा मुस्लिम प्रधान चुनी गयी जिसका नाम रेशमा पत्नी निजाम अंसारी है. इस बात को लेकर भी कुख्यात राजा भैया खासा नाराज़ थे.
दंगे के बाद जैसा कि होता आया है कि मुआवज़े क़ी घोषणा क़ी गयी लेकिन उन हज़ारों मुसलमानों का क्या होगा जिसका सब कुछ तहस नहस हो गया है. वे तो ज़िन्दगी क़ी उस दहलीज़ पर आ कर खड़े हो गए हैं जहाँ उनके पास कुछ भी नहीं. न घर, न सामान, न कपड़ा और न खाने को अनाज. उन मुस्लिम लोगों के दिलों में इस क़दर हिन्दू दंगाईयों क़ी दहशत तारी हो गयी कि वे एक सप्ताह बाद भी अपने घरो का रुख न कर सके और उसी बरई स्थित मदरसे में पनाह लिए रहे. 

हालाँकि दंगे के बाद मुस्लिम लीडर्स क़ी भूमिका को संतोषजनक कहा जा सकता है. इमाम बुखारी भी अखिलेश यादव से मिले और उचित मुआवज़े क़ी पुरज़ोर मांग क़ी. वहीँ जमीयतुल उलेमा, पसमांदा मुस्लिम समाज सहित के कई मुस्लिम समूहों ने दौरा किया. मुस्लिम समूहों की एकजुटता और 
इन यात्राओं का परिणाम था कि मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव अपने तीन मंत्री पारसनाथ यादव,अवदेश प्रसाद, नरेन्द्र वर्मा और विधायक गायत्री प्रजापतिऔर महाराष्ट्र के विधायक अबू असीम आजमी के अलावारामलाल अकेला सहित 50 कारों के काफिले के साथ गांव मेंपहुंचे और अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात क़ी. आखिर में 3.5 लाख रूपये और शष्त्र लाईसेंस और गाँव में एक स्कूल के इतिजाम क़ी मांग क़ी जिसे अखिलेश यादव ने पूरा करने का वादा किया. सपा के फायर ब्रांड नेता आज़म खान ने भी इस मामले में हस्तेक्षेप करते हुए हर परिवार के लिए पका मकान बनवाने क़ी घोषणा क़ी.

लेकिन क्या महज़ मुआवज़े मात्र से यह समस्या ख़त्म हो जाती है. इस घटना और पूर्व क़ी कोसी कलां क़ी घटना को और पूर्व में गुजरात सहित अन्य घटनाओं का गहन अध्ययन करने से कई खतरनाक तथ्य सामने आते हैं जिसमें से प्रमुख रूप से तीन मैं आपको बताता हूँ:::
एक तो प्रशासन स्तर पर संघी सोच वालों क़ी पूर्वाग्रही सोच का विस्तार होना वहीँ दूसरी तरफ जैसा क़ी सुनियोजित तरीके से हर हिन्दू के मन में मुसलमानों के खिलाफ ज़हर बोने का काम बीजेपी और संघी सोच वाले कर रहे है. वस्तुतः दलित हिन्दू हो या सवर्ण सभी के मन में मुस्लिम के प्रति ज़हर भरा जा रहा है तीसरी चीज़ यह है कीदेश भर में बाज़ार, आस्था और देशभक्ति को सिर्फ और सिर्फ हिदुत्व के चश्में से देखने के लिए हर हिन्दू को सिखाया जा रहा है. हालाँकि शुक्र है भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है और अभी भी यहाँ संघी सोच न रखने वालों क़ी संख्या ज़्यादा है और शुक्र है उत्तर प्रदेश में 'मोदी' मानसिकता क़ी सरकार नहीं है.
With thanks 




Sunday 24 June 2012

आखिर कहा है फसीह मुहम्मद ................?

फसीह मुहम्मद के बारे में पहले मै आपको उनकी निजी ज़िन्दगी से रूबरू करवाता हु 
(Nasreen Wife of Fasih Muhammed)

ग्राम बढ़ा समेला दरभंगा (बिहार) का एक तरक्कीशुदा गाव है इस गाव के नामचीन डाक्टर फ़िरोज़ अहमद साहेब के बेटे फसीह मुहम्मद अपने वालदैन के आँखों का नूर पूरा गाव इनपर और डाक्टर साहेब पर नाज़ करता है डाक्टर साहेब हर एक के सुख दुःख में हमेशा खडे रहते है सिविल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद फसीह साहेब अपने वालदैन का सपना पूरा करना चाहते थे तभी उनको सउदी अरब के इरम इंजीनियरिंग कार्पोरेतन में नौकरी मिल गई और फसीह साहेब २००७ में चले गए सउदी अरब और वालदैन का सपना पूरा करने लगे 
हर वालदैन की खवाहिश के मुताबिक फसीह साहेब का पूरे धूम धाम से निकाह नसरीन साहिबा के साथ ७ सितम्बर २०११ को हुवा और ये जोड़ा सउदी में ख़ुशी ख़ुशी अपनी ज़िन्दगी बिता रहा था आने वाले तूफ़ान से एकदम अंजन फसीह और नसरीन अपनी ज़िन्दगी बसर कर रहे थे सब ठेक चल रहा था वालदैन इंडिया में खुश थे अपने बच्चे की ख़ुशी को देख कर और कोई भी एक अनजाने तूफ़ान से बाखबर नहीं था जो आकार उनकी ज़िन्दगी तहस नहस करने वाला था 
और आखिर आगया १३ मई २०१२ का इस कुनबे का मनहूस इतवार जिसको ये कुनबा कभी न भूल पायेगा बकौल नसरीन पूरा नज़ारा कुछ इसतरह गुज़ारा की इनके सउदी के अल्जुबली जहा इनका आशियाना था एक फ़ोन आया और फ़ोन करने वाले ने अपने आपको याहू से बोलने वाला बताया घर आने के सबब में बात की थोड़ी देर में वह २ इंडियन पुलिस वालो को साथ लेकर सउदी की पुलिस पहुची और इनके शौहर जनाब फसीह मुहम्मद को कुछ जानकारी लेने को कहकर घर से ले गई नसरीन इस नज़रे से एकदम सन्न थी ये सउदी के दोपहर लहभग एक बजे का वाक्य था आसपास अजनबी मुल्क और शहर के लोगो सिर्फ तस्सल्ली दे सकते थे जो वो दे रहे थे सारा दिन गुज़र गया फिर रात आए इंडिया में वालदैन भी परेशां थे रात को १२ बजे के बाद एक अनजाने नंबर से फ़ोन आया उधर से आवाज़ फसीह साहेब की थी ये वो आखरी आवाज़ थी फसीह साहेब की जो नसरीन ने सुनी फसीह साहेब रोकर कह रहे थे मैने कुछ किया नहीं है फिर भी ये लोग मुझे इंडिया ले जारहे है अभी नसरीन कुछ और पूछती इससे पहले ही फ़ोन कट गया नसरीन पागलो की तरह उस नंबर पर फ़ोन करती रही मगर फ़ोन बंद था लगातार
सुबह हुई नसरीन मुहल्ले के कुछ लोगो के साथ पुलिस के पास गयी वह से पता चला की फसीह साहेब को इंडियन पुलिस लेकर रात को ही इंडिया चली गए है नसरीन ने ये खबर अपने ससुराल और मैके में बताई और यहाँ लोग इदर उधर हाथ पर मरने लगे मगर सब बेमतलब था 
आखिर १५ मई को नसरीन सउदी से इंडिया आगई और अपने ससुराल वालो के साथ दिल्ली के हर दफ्तर का चक्कर कटने लगी मगर कोई ये बताने वाला नहीं मिला की आखिर फसीह है कहा और किस जुर्म में उसकी गिरफ़्तारी हुई है अब थक हार कर उन्होने न्यायलय की शरण ली है और माननीय न्यायालय ने इसका संज्ञान लिया है
ये बढ़ समेला (दरभंगा) जो मुसलमानों की आबादी वाला पढ़ा लिखा और आबाद खुश हाल गाव है का पहला वाक्य नहीं है इससे पहले २०११ में कर्नाटक पुलिस उस गाव से एक ऐसे लडके को पकड़ कर आतंकवादी बता कर ले गयी थी जो कभी गाव से बहार गया ही नहीं था कर्नाटक जाना बहुत दूर की बात है कई दिनों बाद नितीश कुमार ने इस मसले पर अपना विरोध कर्नाटक सरकार को दिखाया था जिससे कर्नाटका सरकार ने उसको कोर्ट में हाज़िर किया था 
ऐसा कानून है की गिरफ़्तारी के २४ घंटे के अन्दर अन्दर पुलिस को मुजरिम को अदालत में पेश करना होता है फिर किस कानून के तहत फसीह मुहम्मद को आज तक कही पेश नहीं किया गया आखिर कौन थे पुलिस वाले जिन्होने गिरफ़्तारी की थी आखिर कहा गए फसीह मुहम्मद उनको ज़मीन खा गयी या आस्मां निगल गया आखिर क्यों चुप है देश के आला नेता आखिर कहा है फसीह मुहम्मद 

इस्लाम का वरण स्वेच्छा से - रामधारी सिंह दिनकर




रामधारी सिंह दिनकर (प्रसिद्ध साहित्यकार और इतिहासकार)

जब इस्लाम आया, उसे देश में फैलने से देर नहीं लगी। तलवार के भय अथवा पद के लोभ से तो बहुत थोड़े ही लोग मुसलमान हुए, ज़्यादा तो ऐसे ही थे जिन्होंने इस्लाम का वरण स्वेच्छा से किया। बंगाल, कश्मीर और पंजाब में गाँव-के-गाँव एक साथ मुसलमान बनाने के लिए किसी ख़ास आयोजन की आवश्यकता नहीं हुई। ...मुहम्मद (सल्लल्लाहो ताअला अलैहि व आलिही वसल्लम) साहब ने जिस धर्म का उपदेश दिया वह अत्यंत सरल और सबके लिए सुलभ धर्म था। अतएव जनता उसकी ओर उत्साह से बढ़ी। ख़ास करके, आरंभ से ही उन्होंने इस बात पर काफ़ी ज़ोर दिया कि इस्लाम में दीक्षित हो जाने के बाद, आदमी आदमी के बीच कोई भेद नहीं रह जाता है। इस बराबरी वाले सिद्धांत के कारण इस्लाम की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई और जिस समाज में निम्न स्तर के लोग उच्च स्तर वालों के धार्मिक या सामाजिक अत्याचार से पीड़ित थे उस समाज के निम्न स्तर के लोगों के बीच यह धर्म आसानी से फैल गया...।
‘‘...सबसे पहले इस्लाम का प्रचार नगरों में आरंभ हुआ क्योंकि विजेयता, मुख्यतः नगरों में ही रहते थे...अन्त्यज और निचली जाति के लोगों पर नगरों में सबसे अधिक अत्याचार था। ये लोग प्रायः नगर के भीतर बसने नहीं दिए जाते थे...इस्लाम ने जब उदार आलिंगन के लिए अपनी बाँहें इन अन्त्यजों और ब्राह्मण-पीड़ित जातियों की ओर पढ़ाईं, ये जातियाँ प्रसन्नता से मुसलमान हो गईं।
कश्मीर और बंगाल में तो लोग झुंड-के-झुंड मुसलमान हुए। इन्हें किसी ने लाठी से हाँक कर इस्लाम के घेरे में नहीं पहुँचाया, प्रत्युत, ये पहले से ही ब्राह्मण धर्म से चिढ़े हुए थे...जब इस्लाम आया...इन्हें लगा जैसे यह इस्लाम ही उनका अपना धर्म हो। अरब और ईरान के मुसलमान तो यहाँ बहुत कम आए थे। सैकड़े-पच्चानवे तो वे ही लोग हैं जिनके बाप-दादा हिन्दू थे...।
‘‘जिस इस्लाम का प्रवर्त्तन हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो ताअला अलैहि व आलिही वसल्लम) साहब ने किया था...वह धर्म, सचमुच, स्वच्छ धर्म था और उसके अनुयायी सच्चरित्र, दयालु, उदार, ईमानदार थे। उन्होंने मानवता को एक नया संदेश दिया, गिरते हुए लोगों को ऊँचा उठाया और पहले-पहल दुनिया में यह दृष्टांत उपस्थित किया कि धर्म के अन्दर रहने वाले सभी आपस में समान हैं। उन दिनों इस्लाम ने जो लड़ाइयाँ लड़ीं उनकी विवरण भी मनुष्य के चरित्रा को ऊँचा उठाने वाला है।’’

—‘संस्कृति के चार अध्याय’
लोक भारती प्रकाशन, इलाहाबाद, 1994
पृष्ठ-262, 278, 284, 326, 317

Friday 18 May 2012

मुसलमानों को बदनाम करते इतिहासकार

भारत में मुस्लिम हुक्मरानों की छवि को जितना बिगाड़ा गया है उतना शायद अंग्रेजों को भी नही.. अक्सर कहा जाता है की मुस्लिम शासकों ने भारतीय जनता पर ज़ुल्म के पहाड़ तोड़े ..हिन्दू अतिवादी संगठन तो बा काएदा एक चलाकर तस्वीर छापकर मीडिया का सहारा लेकर तमाम मुस्लिम शासकों को महा ज़ालिम खूंख्वार साबित करने की कोशिश करते हैं..ओरन्ग्ज़ेब जेसे नेक शासक को इसका सबसे ज्यादा शिकार बनाया गया..ये आज तक मेरी समझ में नही आया की जो इन्सान राजकोष से एक पैसा भी अपने खर्च के लिए नही लेता टोपी सीकर और कुरान लिख कर अपना और अपनी पत्नी का रिजक हासिल करता हो, तक्वा और अल्लाह का डर उसके दिल में..इतना था की वो मैदाने जंग में भी नमाज़ नही छोड़ता था..ऐसा हाकिम केसे छोटे बच्चों को दिवार में चिनवा सकता है. और तो और जलते तेल में डालना और न जाने क्या क्या .. अगर आज हिंदुस्तान को ओरंगजेब जेसा शासक मिल जाए ..तो किया आज के चोर नेता उससे नज़र मिला सकते हैं..

दूसरी बात ये के अगर मुस्लिम शासकों ने तलवार के जोर पर धर्म परिवर्तन कराया तो ..ये राजपूत जो अपने धर्म ,देश पर मर मिटने के लिए जाने जाते हैं. बहादुर होते थे और हैं भी..ये केसे तलवार के बल पर मुस्लमान हो गए ..आज मुसलमनो में बहुत से राजपूत मोजूद हैं..तलवार के बल पर तो लड़ने मरने मे कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां जेसे पंडित और बनिया सबसे पहले मुस्लमान होनी चाहिए थीं ..मगर ऐसा नही है..एक और बात सती, नगा साधुओं का नंगा नाच ये सब इस्लाम में बहुत बुरा माना जाता है इन सबको मुस्लिम शासकों की तलवार क्यों ख़त्म नही केर सकी..क्योंकि मुस्लिम शासकों ने कभी हिन्दू धर्म से कोई छेड़छाड़ नही की..झूट के पुलिंदे तो बहुत सरे बंधे जा सकते हैं पर जब भी निष्पक्ष होकर सोचने बैठोगे तो सच कुछ और ही सामने आता है.. आप सोमनाथ मंदिर का इतिहास उठाकर देख लीजिये वहां होन वाले अत्याचार को खत्म करने के मुस्लिम शासको के प्रशंसनीय प्रयास को देख लीजिये .................
मगर स्थिति यह है की तुगलक जो अपने समय से 100 साल आगे की सोचता था को एक तानाशाह और सनकी बादशाह करार दिया गया और वही ठंडे दिमाग से उसके चलायेगाये नियमो को देखे तो यह अपने यूग की सोच रखने वाला शासक कहलायेगा ।

Sunday 22 April 2012

बलात्कारी अमेरिका

अमरीका में एक अध्ययन में पता चला है कि वहाँ लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं के साथ उनकी ज़िंदग़ी में कभी न कभी बलात्कार हुआ या उसकी कोशिश की गई.सेंटर्स फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के अनुसार इससे भी ज़्यादा 25 प्रतिशत महिलाओं पर उनके पति या पार्टनर ने हमला किया.राष्ट्रीय स्तर पर हुए इस अध्ययन के तहत ये देखा गया है कि पुरुषों या महिलाओं को अपने जीवनसाथी की ओर से किस तरह की यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है.रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर एक करोड़ 20 लाख मामले दर्ज हुए जिनके मुताबिक़ हर मिनट बलात्कार, हिंसा या छेड़छाड़ के 24 मामले रहे.
सेंटर के विशेषज्ञों ने इस सर्वेक्षण के नतीजे चौंकाने वाले बताए हैं.सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों के अनुसार:
सर्वे से पहले के 12 महीनों में 10 लाख से ज़्यादा महिलाओं ने बलात्कार की शिकायत दर्ज की 60 लाख से ज़्यादा महिलाओं और पुरुषों का पीछा किया गया लगभग सवा करोड़ महिलाओं और पुरुषों ने एक साल में अपने जीवन साथी की ओर से बलात्कार, शारीरिक हिंसा और छेड़छाड़ की शिकायत की

जीवन पर असर

सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के नेशनल सेंटर फ़ॉर इंजरी प्रिवेंशन ऐंड कंट्रोल की निदेशक डॉक्टर लिंडा डेगुटिस ने कहा, "जो लोग अपने जीवन साथी की ओर से यौन हिंसा या अन्य हिंसा का शिकार होते हैं उनके जीवन पर उसका गहरा असर रहता है."

बलात्कार या यौन हिंसा का शिकार अधिकतर लोगों के साथ ऐसा उनके जीवन के शुरुआती वर्षों में होता है. बलात्कार पीड़ितों में से 80 प्रतिशत ने बताया कि उनके साथ ऐसा 25 साल की उम्र से पहले ही हो गया था.डॉक्टर डेगुटिस के अनुसार 35 प्रतिशत महिलाएँ ऐसी थीं जिनका 18 साल की उम्र से पहले ही बलात्कार हो गया था और फिर वयस्क होने पर भी उन्हें वो सब सहना पड़ा.अध्ययन से पता चलता है कि इन घटनाओं का शिकार लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर काफ़ी चिंता हो जाती है और वे तनावग्रस्त भी हो जाते हैं.बलात्कार या हिंसा का शिकार महिलाओं में दमा, डायबिटीज़, अक़सर सिर में दर्द रहना, तेज़ दर्द या सोने में मुश्किल जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं.पुरुषों पर हमले के भी मामले दर्ज किए गए हैं और पाया गया है कि बलात्कार या यौन हिंसा का शिकार होने वाले पुरुषों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है.अध्ययन के अनुसार हर सातवाँ पुरुष बलात्कार का शिकार हुआ है या कभी न कभी उसके साथ बलात्कार की कोशिश हुई है.जिन पुरुषों के साथ उनके जीवन साथियों ने बलात्कार किया उनमें से 53 प्रतिशत के साथ ऐसा 25 साल की उम्र से पहले हुआ.इसके अलावा पीड़ित पुरुषों में से 25 प्रतिशत के साथ ऐसा 10 साल या उससे कम उम्र में ही हो गया था.

Sunday 8 April 2012

दुनिया का सबसे नापसंदीदा कुत्ता मोदी


times  पत्रिका की ओर से चुने गए दुनिया की सौ प्रभावशाली हस्तियों के टॉप 15 में एशिया के ४ लोग 


है राजनेतिक कुत्ता  नरेंद्र मोदीके साथ इमरान खान, आग सान सू की तथा अशर बशद ने जगह बनाई 


है। मोदी नापसंदी के भी महारथी निकला जिसे  नापसंद करने वालों ने अधिक वोट दिया। सूची में 


बराक ओबामा, अन्ना हजारे, नीतीश कुमार, सचिन तेंदुलकर, हिलेरी क्लिंटन मोदी से पिछड़ गए। 


मोदी सौ पसंदीदा हस्तियों की सूची में तीसरे स्थान पर और नापसंदगी की सूची में प्रथम स्थान पर 


रहे। एक हैकर ग्रुप एनोनिमस को पहला स्थान मिला।प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा काग्रेस 


अध्यक्ष सोनिया गाधी क्रमश: वर्ष 2010 तथा 2011 में टाइम के सौ प्रभावशाली लोगों की सूची में 


स्थान पा चुके हैं जबकि वर्ष 2012 के लिए चुने गए एक सौ हस्तियों की सूची में गुजरात के मुख्यमंत्री 


नरेंद्र मोदी आखिरी समय में पिछड़कर तीसरे स्थान पर आ गए। मोदी को पसंद करने वालों ने 2 लाख 


56 हजार 792 वोट दिए जबकि नापसंद करने वालों ने 2 लाख 66 हजार 684 मत दिए। उधर सीरिया 


में विरोध का सामना कर रहे राष्ट्रपति बशर अशद को भी पसंद करने वालों ने 91 हजार 632 जबकि 


नापसंद करने वालों ने 98 हजार 387 मत दिए।पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर एवं तहरीक ए इंसाफ पार्टी 


के मुखिया इमरान खान ने शुरुआत से आखिर तक 5वा स्थान बरकरार रखा। पाकिस्तान में उनकी 


बढ़ती लोकप्रियता के मुताबिक उन्हें एक लाख 16 हजार 130 मत मिले जबकि 25 हजार 447 ने उन्हें 


भी नापसंद किया। म्यामार में हाल ही में चुनाव जीतने वाले नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता 


आग सान सूकी इस सूची में 14वें क्रमाक पर रहीं, उन्हें 45 हजार 688 लोगों ने पसंद किया जबकि 


2625 ने नापसंदगी का मत दिया। द 2012 टाइम 100 पोल नामक ऑनलाइन मतदान में अमेरिकी 


राष्ट्रपति बराक ओबामा महज 25 हजार 373 मतों के साथ 21 वें स्थान पर रहे जबकि वर्ष 2010 की 


सूची में वे चौथे क्रमाक पर रहे थे, इसी सूची में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 19वें क्रमाक पर चुने गए 


थे। जबकि वर्ष 2011 में काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी इस सूची के 91वें क्रम पर रही थीं।प्रधानमंत्री 


पद की दावेदारी में मोदी के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 45 वें नंबर 


पर रहे जिन्हें 13 हजार 400 मत मिले जबकि भारत में भ्रष्टाचार विरोधी अगस्त क्राति के नायक 


अन्ना हजारे 23 हजार 977 मतों के साथ 22वें स्थान पर रहे। रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन 


ग्यारवें क्रमाक पर रहे जबकि अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार रोन पॉल 


को 12वें नंबर पर ही संतोष करना पड़ा। इनके अलावा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर लियोनेल मेसी 


दसवें, पॉप गायिका लेडी गागा 18वें, शकीरा 19वें, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर 25वें, अमेरिकी विदेश 


मंत्री हिलेरी क्लिंटन तीसवें, मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक 158वें, रानी एलिजाबेथ द्वितीय 75वें, 


अभिनेता सलमान खान 66वें तथा ऊलाला गर्ल विद्या बालन 33वें स्थान पर रहीं।टाइम के ऑनलाइन 


पॉल के अंतिम 48 घटे तक मुख्यमंत्री मोदी पहले पायदान पर आ गए थे लेकिन आखिरी चौबीस घटे 


में उनके खिलाफ करीब डेढ लाख वोट पड़े। जबकि दूसरे स्थान पर रहे उद्यमी एरिक मार्टिन को भी 


आखिरी 24 घटे में भारी मत मिले। टाइम की सूची में ट्रेंड के मुताबिक हैकर ग्रुप संचालित एक 


गुमनाम चरित्र एनोनिमस ने भी अपने नाम की ही तरह आखिरी समय में जबरदस्त 3 लाख 95 


हजार 793 वोट बटोरकर पहले नंबर पर आ गया।

नीलम खान -- पूर्वांचल की IRON लेडी के साथ कांग्रेस का धोखा

नीलम खान का पहले मै आप सबको परिचय करवा देता हु ये है कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनारस की जन्मी नीलम खान की शादी कांग्रेस के एक जुझारू मुस्लिम नेता नुसरत खान के साथ हुई एक सीढ़ी सधी घरेलू महिला ने अपनी शादी के बाद गरेलू जीवन हसी ख़ुशी बिताना शुरू किया तीन छोटे छोटे बच्चे और पति ये थी उसकी पूरी दुनिया उसको क्या पता था की उसके पति की मुस्लिमो की हमदर्दी उसके लिए मुसीबते लेकर आरही है बात उन्दिनो की है जब मुसलमानों को 1997 में छात्रवृत्ति के नाम का ढकोसला शुरू हुवा था इसको ढकोसला कहना सही होगा क्योकि उस वक्त बनारस के मुस्लमान लडको से उनके कागज़ात जमा करवा लिया जाता था और पैसा उस वक्त के एक मंत्री के जेब में जाता था । नुसरत साहेब काफी जुझारू नेता थे फिर क्या उन्हों ने उठा लिया बीड़ा इन्साफ दिलवाने का और लग गए इन्साफ की लड़ाई में दिन था १३ जनवरी १९९९ की दोपहर १० बजे का समय था उस वक्त के शिक्षा मंत्री वीरेंदरसिंह अपने घर पर मौजूद थे बनारस में नुसरत साहेब ने उनके घर के आगे मंत्री जी से प्रोटेस्ट किया मंत्री जी के सामने आत्मदाह की कोशिश की और बेचारे अल्लाह को प्यारे हो गए उनकी फाइल मंत्री जी ने धुल खाने को भेज दी थाने में और उसपर आजतक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई । और यही से शुरू हुवा नीलम खान की मुफलिसी का दौर
तीन छोटे छोटे यतीम बच्चे और भूख ।
इत्तिफाक से मै भी उनके पड़ोस में रहता हु सारे मुहल्ले के बुजुर्गो ने मिलकर एक मीटिंग की और नीलम खान को सभासदी का चुनाव लड़वाने का फैसला किया गया वो घरेलु औरत चुनाव लड़ी और उसकी जीत हुई जीत भी ऐसी की सबकी ज़मानत ज़ब्त हो गयी यहाँ से उसका राजनीतिक सफ़र शुरू हुवा समाज सेवा का जज्बा दिल में रख कर समाज सेवा शुरू की और जल्दी ही शहर में उनकी पहचान बन गयी । सन २०१२ के विधान सभा चुनाव में अपनी उम्मेदवारी उन्होने पेश की जो सबसे बेहतर उम्मेदवार भी थी ये वह के पुरवा सांसद राजेश मिश्र को पसंद नहीं आया की वो इतना ऊपर कैसे बढ़ सकती है और उनको दर सताने लगा की अगर उसको टिकट मिला तो वो जीत जाइगी और कही ऐसा न हो की विधायक बनने के बाद अपने पति की फाइल को दुबारा खुलवा ले और उसमे उनके दोस्त वो पुरवा मंत्री फंस न जाये ।
यही सोच लेकर उन्होने टिकट दिया (या दिलवाया) दयालु मिश्र को (जिनके पैंट के नीचे भगवा चड्ढी है ) ये मिश्र जी RSS के पुराने कार्यकर्ता रहे है । उस विधान सभा में ६३% वोट मुसलमानों का होने के बाद भी एक ऐसे आदमी को टिकट दिया गया जो भगवा चड्ढी धरी था जिसपर नीलम ने प्रोटेस्ट किया जिसमे बडे नेताओ  ने कहा की आपको उतरी से टिकट देता हु जिसके लिए राजेश मिश्र ने हा भी किया मगर मिश्र जी दिल के कमज़ोर इंसान है वो अगये बसपा से की एक नेता क हुस्न के चक्कर में और उनको बसपा से बुलाकर कांग्रेस का टिकट दिया फिर क्या था दोनों सीटे जीती भाजपा ने क्योकि राजेश मिश्र जी उसको ही जिताना चाहते थे और  मुसलमानों को मुह की खानी पड़ी 
तो ये है कांग्रेस में मुसलमानों की औकात फिर भी ३८% रायबरेली में हमारी जम्हूरियत के बाद लोग राहुल गाँधी को जीतते है और राहुल बाबा मुह उठा कर कहते है की अगर कोई मिला इस काबिल तो मुस्लमान भी प्रधान मंत्री बनेगा मै कहना चाहता हु राहुल जी नज़र उठाओ एक नहीं एक हज़ार मिल जाएगी ।सबको छोडो ३ महिना और मै खुद देश से आतकवाद और गरीबी दूर कर दूंगा ।
मगर आपको कोई नहीं दिखेगा राहुल जी क्योकि आपकी आँखों पर भी धर्म का चश्मा चढ़ा है और आपकी पैंट के नीचे भी भगवा चड्ढी है । इस बार लोकसभा चुनाव में आपको कला झंडा दिखाने के साथ ही मै दावा करता हु की वहा क मुसलमानों को एक करूँगा की आप हार का मुह देख ले ।

Wednesday 7 March 2012

फिर न एक हो सके मुसलमान

हम लोगो यानि मैने आफताब फाजिल सोहराब अली नसीम निगार हिंद रफीक देलही रफीक चुरिमियां जाबिर भाई वगैरह ने काफी मेहनत की किसी ने २ तो किसी ने ३-४ साल लगातार मेहनत की कि मुसलमानों को उनका हक़ मिले हमे सियासत के गलियारे में दाखिला मिले इन नामो में अगर मैने अगर अनवर चौहान का नाम न लिया तो थोडा बैमानी होगी भले ही मेरी उनसे वसूलो के बातो पर पटरी न खपाई मगर मेहनत उन्होने भी कि कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को उनका हक़ dilwatey है नतीजा क्या आया देखते है
बहुजन समाज पार्टी के पैसो से कड़ी पार्टी पीस पार्टी ने कुछ सीते निकली और थोडा हनक दिखाने कि अभी कोशिश कि थी कि धोती के अन्दर भगवा चड्ढी पहने मुलायम नाम के मक्कार को पूरा बहुमत हम मुसलमान थाली में सजा कर दे चुके थे वरना जितना डाक्टर अय्यूब को मई जनता हु वो इंसान ज़रूर सौदा करता और कोई हनक वाला ओहदा पता मगर हम मुस्लमान................. सिर्फ मुह्ज़ोरिया करते है
थोड़ी कामयाबी सिर्फ एक साल से बनी पार्टी कौमी एकता दल के मुख़्तार अंसारी के खाते में आई जिन्हों ने २ सीट जीती और ३ सीटो पर बढ़िया टक्कर दी अगर मुस्लमान साथ देता तो ये ५ हो जाती अब देखते है बाकि कि पार्टियों का रंग जो मुसलमानों के नाम पर लड़ी
ओलिमा कौंसिल  मौलाना आमिर रशदी उम्दा इंसान है बस थोडा जज्बाती है और अकाल जब बात रही थी तो सबसे आगे खडे थे इस लिए फरिश्तो ने चुटकी से अकाल दी जिसमे इनकी कोई गलती नहीं है बेचारे के पास जो है भी वो hamesha गलत जगह इस्तिमाल हो जाती है चाहे वो रशीद के कतला में इनकी गवाही हो या फिर एक करोड़ कि माला पहनने कि बात या फिर स्वामी को गले लगाने कि बात वरना ये लगभग ५-८ सीट ज़रूर जीतते मगर जितना चाहेंगे तब न ये तो सिर्फ चुनाव को लड़ना चाहे थे लड़ गई अपने घर तक में हार बैठे 
आंबेडकर समाज पार्टी :-  भाई तेज सिंह को हो सकता है मेरी बात बुरी लगे मगर भाई सच यही है कि हमारी कौम ने साथ दिया या नहीं दिया आपका मगर आपके अपने लोगो ने आपका साथ नहीं दिया है charkhari में आपका चुनाव लडने का फैसला वाकई काबिल-इ-तारीफ कदम था मगर लड़ाई कि तरह लड़ाई आप नहीं लड़ सके वरना आपके karyakarta हम लोगो से sampark करते और जब मैने आपके २ लोगो को मुख़्तार भाई से मिलवाया था तो फिर वो गटबंधन आज आपकी पार्टी में २ सीटो को दे गया होता भाई ओने मन शो नहीं चलता है कामो को बाताना पड़ता है खाई मगर वोते % बढ़िया रहा है आपका इंशा अल्लाह हम दोनों अगर मेरा हौसला (जो अब टूटा हुवा लग रहा है) कायम रहा तो साथ काम कर सकते है 
सोसिअल देमोकरेतिक पार्टी ऑफ़ इंडिया : इस पार्टी ने दस सीटो पर इलेक्शन लडवाया मगर मुगालते में बैठे inkey सूबे के सदर साहेब ने माशा अल्लाह इतना वोट पाया कि मशीने ख़राब हो गई गिन नहीं पा रही थी log गिनती bhool gaye और वो वोट था २७६ जिसमे से लगभग मेरे खाते का १००-१५० था जो मैने उनसे बिना मिले अपने जानने वालो को कहकर दिलवाया था पुरी इलेक्शन में लगा ही नहीं कि ये साहेब खुद भी चुनाव लड़ रहे है बस ऐसा लगा कि भाई साहेब कांग्रेस के डमी candidate है मेरी रफीक भाई से बात हुई थी उनके वालिद मोहतरम से भी मेरी गुफ्तगू हुई थी मैने उनके मुहब्बत कि वजह से इनसे फ़ोन पर बात कि भाई साहेब ने सलाम दुवा के बाद मुझसे कहा कि आप कहा है मैने बताया कि मै अभी कानपुर में हु साहेब इन्हों ने इरशाद फ़रमाया कि आप मेरे घर पर आइये बैठ कर बाते होती है भाई मेरी अना mujhey जाने से रोक लुया और मै गया जी नहीं वैसे ये भाई साहब इतना ज़रूर जानते है कि अगर हम दोनों साथ में chaltey तो ये वोट shayad हज़ार में होता ............
IUML :- मुस्लिम लीग नाम से मशहूर ये पार्टी कि कमान थी जनाब अनवर चौहान साहेब के हाथो में उनसे मेरे अपने सिर्फ कुछ वसूलो का टकराव था वो भी उनके कुछ लडके टाइप के कार्यकर्ताओ कि वजह से वरना अनवर चौहान साहेब ने मेहनत काफी कि थे मगर चुनाव के पहले ही भाई साहेब को हटा कर उनके एक दरबारी को बागडोर दे दी गई नतीजा क्या हुवा पार्टी कही से चुनाव ही नहीं लड़ पी जबकि हकीकत ये भी है कि मैने अपने candidates नहीं लाद्वाई थे कि अनवर साहेब को मै समर्थन देकर एक को निकलवा दूंगा हुवा उल्टा न मै लड़ सका न वो लड़ सके खैर हम दोनों ही काफिले कि गुबार देखते रहे
अब बाते मुसलमानों कि हम लोगो कि itani मेहनत थी कि सिर्फ आप अपने पार्टी को वोट दे मगर ८० सीटो पर लादे कौमी एकता दल के गटबंधन को सिर्फ २ सीटे मिल पाई बाकि जगह में से ३ छोड़ कर कही भी ५००० पार नहीं कर पाई ओलिमा काउन्सिल के आमिर रशदी साहेब जैसे भी हो लगभग ३५ सीट लडे एक दो को छोड़ कर कही वो हज़ार का अकड़ा भी पार नहीं कर पाये क्या यही थी हम लोगो कि मेहनत जो हम लोगो ने सालो से कि 
अब फैसला आप करो कि हौसला हमारा टूटना चाहिए या नहीं