Friday 20 May 2011

जबरा मारे तो रोवे भी ना देवे

ईसा आज़मी की सारी सच्चाई आपके सामने आ चुकी है crimeindiaonline की खबर की हनक सत्ता के गलियारे तक पहुची और आनन फानन में कुछ करने की हिदायत भी 
फिर क्या है पुलिस वालो का जोश अब सातवे आसमान पर है और उन्होने नया समीकरण बनाया है 
समीकरण की कहानी एकदम दिल दहला देने वाली है विश्वास सूत्रों से जो पता चला है वह यह है की हल्के की पलिस अब नया समीकरण बना कर जनाब मुसा साहब (ईसा आज़मी के बडे भाई) और उनके एक मित्र जनाब आरिफ अंसारी को फर्जी केस में बंद करने की तय्यारी कर रही है सुनने में तो यहाँ तक आया की ये सारी कार्यवाही आज और कल में ही होगी और रात के अंधेरे में होगी 
इस सम्बन्ध में थाने के प्रभारी से पूछने पर उन्हों ने गोल मोल जवाब देकर कहा की देखता हु और कोई शिकायत आती है तो देखा जायेगा | सवाल यहाँ यह उठता है की कातिल भी वही है हाकिम भी वही है इन्साफ कैसे होगा | अगर ये लोग मदद लेने कोर्ट जाते है १५६-३ से भी तो जाँच के लिए कोर्ट भेजेगा पुलिस के पास और मैने सुना है की अपनों के लिए इनकी कलम कभी सच नहीं बोलती है तो आज कैसे यकीन किया जय की अब इन्साफ मिलेगा 
ये तो सिर्फ एक ईसा और मुसा है जो हमारी जानकारी में अगये न जाने कितने और लोग है जो किसी की जानकारी में नहीं आते है और इन्साफ मांगते मांगते दम तोड़ देते है सवाल यह है की हम मुसलमान कबतक भीख मांगते रहेंगे कब तक हम गुलाम रहेंगे कभी ऐसा किसी दलित या सिख क साथ होते देखा है शायद नहीं क्यों की वो एक है दलित एक होगैये हम कब एक होंगे 
खैर जो भी हो हम लोग इस लड़ाई को लगातार लडते रहेंगे आपका साथ मिला तो इंशा अल्लाह हम कामयाब होंगे और हुकूमत में हिस्सेदार होंगे

3 comments:

  1. behter hota ki aap insaaf ki guahar ek bharatiya, ek nagrik hoke mangte...jabran musalmaan hokar mangne ki baat kuch samajh nahi aati. daliton ke saath kya hota hai yeh janney ke liye aap ko shayad jyada tv dekhna padega.
    is desh mein anyaya sirf garib ke saath hota hai. amiro ka to koi baal bhi bigaad sakta. ab ek mahatma ek bina jhole vale pir (hazare) saab ke saath desh jud raha hai. yehan hum sab ko desh vaasi ban kar judna chahiye. insaaf uske baad to police kya unka baap bhi dega.

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  2. i will also be glad if u will be able to clarify if helping ur brother when he is an oppressor makes sense, provided and unless that help is to reform him. dear tarique bhai if this thinking continues... that day is not far that u will have to seek a psychiatrist.

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  3. Rakesh ji thanks for ur advoz
    boss u know why this all things happen and how its happen for that plz visit to my FB wall and think on the all points then reply me

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