Monday 19 December 2011

आम आदमी से जुडी समस्या ..... घुमक्कड़ जिज्ञासा----------2

अपनी घुमक्कड़ जिज्ञासा लिए मै १७ दसंबर को रात ९ बजे कानपुर स्टेशन पंहुचा और बनारस का टिकट ले लिया फिर ट्रेनों का हाल पता चला तो मैने मुगलसराई का भी टिकट ले लिया और प्लेटफार्म पर टहलने लगा रात को ठण्ड काफी थी हड्डिय हिला देने वाली हवाई चल रही थे प्रतीक्षालय ट्रेनों के देरी से चलने की वजह से पूरा भरा हुवा था यहाँ तक की लोग खडे थे उससे जादा भीड़ प्लेटफार्म पर थी कोई इंतज़ाम नहीं था पुरवा ट्रेन का बताया गया की १ घंटा विलम्ब से चल रही है प्रतीक्षा का समय समाप्त हुवा तभी एलान हुवा की पुरवा आधा घंटा और देरी से आयेगी मै टहलते हुवे ASM के कार्यालय पहुच गया और पता किया तो पता चला की पूर्वा अभी इटावा नहीं पहुची है मैने ASM साहेब से पूछा की मान्यवर इटावा से कानपुर का रन लगभग डेढ़ घंटे का है और आप बता रहे है आधा घंटा की देरी साहेब ऐसा क्यों उन्हों ने कहा भाई साहेब पूर्वा लगभग सुबह ३ बजे के पहले नहीं आयेगी और अभी से अगर घोसडा कर दिया तो जनता को दिक्कत आ सकती है मैने कहा मान्यवर रात का १२:३० हो रहा है और आप तो गरम कमरों में बैठे है आम जनता वह ठण्ड में मर रही है अगर उचित समय बता देते तो जनता हो सकता है अपना कुछ इंतज़ाम कर लेती उन्हों ने कहा की जनता इंतज़ाम नहीं करती टिकट वापस कर देती है और फिर वापसी करवा कर मै रेल का नुक्सान क्यों करू ASM साहेब थोडा सभ्य थे उन्हों ने मुझसे कहा की वैसे भाई साहेब आप चाहे तो यहाँ बैठ कर ट्रेन का इंतज़ार कर सकते है मैने मुस्कुराकर उनका धन्यवाद दिया और कहा मै आम जनता हु मरना मुझे आता है और बहार निकल आया 
मैने सोचा चलो बाहर चाय पी जाती है मै बाहर निकला तो देखा की एक जगह ऑटो स्टैंड के पास अलाव लगा हुवा है जहा जनता बैठी है और २ पोलिस वाले भी खडे है मुझे ख़ुशी हुई की चलो सरकार ने कुछ अच्छा किया है मै भी पास पंहुचा तभी एक ने ५ रुपया माँगा मैने कहा काहे का भाई बोला की ये अलाव का है इसके पास baithana है तो ५ रुपया dena hoga मैने ५ रूपया निकाल कर उसको दिया देखा उसने उस कांस्टेबल को वो पैसे दे दिया मतलग दीवान जी का लगाया हुवा एक प्रयोजन था खैर मै आग के पास खड़ा भी नहीं हुवा और चाय की दूकान पर चाय पि कर वापस अगया प्लेटफोर्म पर तभी घोसणा होती है की बसपा रैली पिकप ट्रेन प्लेटफोर्म नंबर ६ पर आरही है मै उत्सुकता वश प्लेटफोर्म नंबर ६ पर पंहुचा तभी एक लम्बी सी ट्रेन आकार रुकी उस ट्रेन पर चारो तरफ मायावती और फिरोजाबाद के विधायक का फोटो था | पता चला की विधायक महोदय यह ट्रेन आगरा से बुक करवाकर लखनऊ लेकर जा रहे है कल रैली के बाद इसकी वापसी भी है मैने पता किया तो पता चला की यह ट्रेन अप एंड डाउन के लिए ३० लाख में पड़ी है तभी प्लेटफोर्म पर हुदंग हनी लगा और ट्रेन सवार कार्यकर्ता ने एक बुढे वेंडर को लूट लिया है फिर क्या ट्रेन को आनन फानन में प्लेटफोर्म से रवाना किया गया मैने वेंडर को जाकर देखा बुढा इंसान अपना पेट पालने को बैठ कर रात में चाय और नमकीन बेच रहा था उसको ये लोग देश के भविष्य लूट गए वो रो रहा था और GRP वाले उसको दन्त रहे थे की दूकान क्यों खोल कर बैठे थे बंद कर देते मुझे दया ई और मैने पूछा चाचा कितना नुक्सान हुवा है वो बोले बाबु लगभग २ हज़ार का उनकी आँखों का अनसु देख मुझे दया आगे और मैने बंद मुट्ठी से कुछ उनके हाथो में रखकर कहा चाचा चाय नहीं पिलाओगे वो अभी चाय देने वाले थे की एक और रैली पिकप ट्रेन क आने की घोसदा hui मै चाय pikar wahi खड़ा रहा तभी एक और ट्रेन आकार रुकी ये ट्रेन एक आगरा के बसपा प्रत्याशी की थी ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो साहेब ने ट्रेन बुक करवाई थी मै सोच रहा था की ये इंसान अभी चुनाव लड़ा भी नहीं है इतना खर्चा किया चुनाव में और भी खर्च करेगा तो इसका चुनाव तो लगभग एक करोड़ का पड़ा ये जीतने के बाद क्या करेगा पहले तो अपना एक करोड़ को कई करोड़ में घर में लायेगा फिर सोचेगा जनता के बारे में |
खैर वक्त कट गया और फिर घोसडा हुई की पुरवा आने वाली है मगर उससे पहले नईदिल्ली - भागलपुर सुपर फास्ट ट्रेन आकार रुकी इस ट्रेन का आनंद विहार से पटना तक का टिकट ही अल्लाओ है बीच का नहीं मैने कुछ महीन करने की सोचा ट्रेन के TT के पास जाकर बोला सर जी मुगाल्सरये जाना था TT साहेब ने कहा S -५ में सीट नंबर ५२ पर जाकर बैठ जाओ ३०० लगता है २५० देदेना | मैने हा में सर हिलाया और आकार बैठ गया ट्रेन चल दी और वो साहेब आकार अपना भाडा लेकर चलते बने मै बाथरूम जाने के लिए उठा देखा की एक माँ बेटी बैठी है gate के पास और एक मौलाना बेचारे खडे है मैने उनसे पूछा क्यों यहाँ बोले टिकट वेटिंग का है सीट कहा मिली मैने कहा जाकर मेरी सीट पर बैठ जाओ आप और उन तीनो को अपने पास बैठाल लिया और मै भी वही बैठ गया उन्होने बताया की वो लोग आनंद विहार से ऐसे ही आ रहे है कई बार TT से कहा मगर सीट नहीं दिया मुझे ताज्जुब हुवा तभी TT साहेब ने आकार मुझसे मित्रवत आकार पूछा भाई सिगरेट है क्या मैने उनको एक निकाल कर दी उन्होने कहा आइये gate पर आप भी पी ले | मैने उनके साथ आकार gate पर सिगरेट जलाकर पूछा की भाई ये लोगो को सीट नहीं दी तो उन्होने अपने अंदाज़ में कहा की ये सीट पर कोई आया नहीं था और ये मिया लोग पैसा देते नहीं है मैने घूर कर उनको देखते हुवे कहा की क्या करू साहेब मै भी मियां हु और मैने आपको दिया है पैसा और रही बात ये तो मानवता नाम की कोई चीज़ होती है या नहीं .......
वो निरुत्तर होकर अपने रास्ते चले गए और मै अपनी खरीदी हुई सीट पर दिमाग में कई सवाल थे की भरष्टाचार की दुहाई देने वाले लोगो की नज़र इनपर क्यों नहीं पड़ती है आखिर कब तक ऐसे आम जनता मरती रहेगी 
आखिर कब तक

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