Monday 22 August 2011

देश का बहुसंख्‍यक अन्‍ना जैसे अल्‍पशिक्षित को अपना नेता और आदर्श मानने को तैयार नहीं है।

वकालती हुनर के जरिये बीस करोड़ सम्पत्ति एक लाख में ले लेने वाले शान्तिभूषण को बनाया सह अध्यक्ष : उक्त दोनों जजों की सारी असलियत अनशन के दौरान ही जनता के सामने आ गयी, तो अन्ना हजारे वित्तमन्त्री प्रणव मुखर्जी को अध्यक्ष एवं अपनी ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शान्तिभूषण को सह-अध्यक्ष बनाने पर सहमत हो गये, जो 1977 में बनी पहली गैर-कॉंग्रेसी सरकार में मन्त्री रह चुके है| हजारे की ओर से समिति के सह अध्यक्ष बने शान्तिभूषण एवं उनके पुत्र प्रशान्त भूषण (दोनों जन लोकपाल का ड्राफ्ट बनाने वाली समिति में हैं) ने 2010 में अपने वकालती हुनर के जरिये इलाहाबाद शहर में बीस करोड़ से अधिक बाजार मूल्य की अचल सम्पत्ति एवं मकान मात्र एक लाख में ले ली और स्टाम्प शुल्क भी नहीं चुकाया
आखिर अन्‍ना कौन होते हैं देश का प्रतिनिधित्‍व करने वाले। वह तथा भूषण एंड कंपनी अपनी बात कहें और पूरे देश की ठेकेदारी न लें। देश का बहुसंख्‍यक अन्‍ना जैसे अल्‍पशिक्षित को अपना नेता और आदर्श मानने को तैयार नहीं है।

1 comment:

  1. आपको कैसे पता की बहुसंख्यक की मंशा क्या है ?????
    आप सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों {अल्पसंख्यक } के बारे में सोच सकते हैं .
    मुसलमान जिस मुल्क में अल्पसंख्यक होता है वहाँ SEcularism की बात
    करता है और जहां बहुसंख्यक होता है वहाँ इस्लाम की ज़िद और जदल .यही आपकी असलियत है .

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