Sunday 13 November 2011

बैलगाड़ी यूग में जीने को मजबूर काशी(वाराणसी)


हमारा मुल्क २१वि सदी को chala गया है और हम २१वि सदी में आगे बढ़ चुके है मगर भारत को सबसे जादा पर्यटन से लाभ देने वाला अपने उत्तर प्रदेश का बनारस (वाराणसी) आज भी बैलगाड़ी यूग में जीने को मजबूर है, इसका उदहारण यहाँ हर रोज़ देखने को मिल जाता है आज इस अदने इंसान को भी ऐसा ही महसूस हुवा
वक्त था शाम के ४ बजे का मै बनारस में आज सुबह आया और कुछ कामो की नियत करके अपनी मोटर साइकिल लेकर सड़क पर निकल गया लगभग ४ सालो के बाद आज मैने बनारस की सडको पर मोटर साइकिल चलाई. पूरे रास्तो में मुझे भीड़ कुछ जादा दिखाई दी वजह थी की आज UPTET की परीक्षा थी और बनारस को इसमे से लगभग एक लाख सत्तर हज़ार की परीक्षा का सौभाग्य मिल गया था उसपर आज ही देश के सबसे इमानदार नेताओ में से एक श्री श्री अमर सिंह जी की सभा भी थी फिर क्या बनारस के कप्तान साहेब सब कुछ भूल लग गए आदरणीय नेता जी के स्वागत में नतीजा कुछ एकदम अलग रहा सारी ट्राफिक रोक कर आदरणीय को लाया गया और लेजयागाया | फिर क्या था पूरा शहर जाम के शिकंजे  में कस गया मै भी एक जनता हु और फस रहा आपको जानकार आश्चर्य होगा की मुझे लगभग १५० मीटर का सफ़र मोटर साइकिल  से पूरा करने में मुझे ३ घंटे लगे और ट्राफिक को कंट्रोल करने के लिए शहर में चाँद पुलिस वाले फिर क्या हाल रहा होगा आप सोच ले मै  मोटर cycal  से था वह हालात ये थे के पैदल चलने वालो को भी जगह नहीं थी
ये रोज़ मर्रा का काम है यहाँ का अपराधियों का हौसला बुलंद है ४ दिनों में २ लूट हो चुकी है और दोनों शहर के सबसे व्यस्त चौराहे पर और कप्तान साहेब का वही बयान की बहुत जल्द ही पकड़ लेंगे नतीजा जीरो है |
 मुजसे एक sajjan ने पूछा bhai आपको ३ सालो में क्या फर्क लगा शहर में मैने जवाब दिया की कोई ख़ास नहीं बस पहले इतना चलने में मुझे ३-४ मिनट अधिकतम लगते थे आज ३ घंटे लगे baki सब एक जैसा है 
इस शहर के सांसद है आदरणीय श्री श्री श्री 10000008 मुरली मनोहर जोशी जी जो चुनाव जीतने के बाद अज तक वापस शहर नहीं आये यहाँ तक हो गया की bhajapa के ही कुछ लडको ने अपना विरोध दर्ज करते हुवे मुरली मनोहर के गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने पर दर्ज करवाई मगर हमारे देश के ये महान नेता को शर्म नहीं ए और फिर भी wo नहीं आये  अब आप समझ लीजिये की इस शहर की क्या इस्थिति होगी ...............
यहाँ का  ऑटो भाड़ा भी एकदम आस्मां की ऊंचाई पर है और यहाँ का प्रशासन ऑटो संगठन के आगे हमेशा नतमस्तक रहता है छोटी ऑटो में ५-६ सवारिय और २.५ किलोमीटर के सफ़र का भाडा १२ रुपया सवारी रात को पित्रोल का रेट एक रुपया बाधा सुबह २ रुपया ऑटो भाडा बाधा और अगर कम हुवा दाम तो भाडा कम नहीं होगा और अगर प्रशासन ने कोई कार्यवाही करने का मन बनाया तो हड़ताल और फिर प्रशासन से नूर कुश्ती फिर मांग पूरी हो जाती है इनकी ५ किलोमीटर की paridhi में बसे इस शहर के पास सिकल रिक्शा है लगभग डेढ़ लाख और लिसेंसे है केवल २५ हज़ार का
अब आप समझ सकते है की यहाँ क्या अंधेर नगरी है..........................

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