Sunday 2 October 2011

बाबा रामदेव बालाकृष्ण जांच एजेंसियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं।

कालेधन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले योगगुरु बाबा रामदेव इस समय खुद कटघरे में खड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि वह और उनके सहयोगी बालाकृष्ण जांच एजेंसियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि फर्जी पासपोर्ट मामले में सीबीआई के बार-बार कहने के बावजूद बालकृष्ण ने अभी तक संबंधित दस्तावेजों की मूल प्रति जांच एजेंसी को नहीं दी है। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि बालकृष्ण को जुलाई में ही पासपोर्ट आफिस में जमा कराए गए दस्तावेजों की मूल प्रति देने को कहा गया था। उन्होंने इसके लिए सहमति भी दी थी, लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगने के बाद बालकृष्ण के अपने सुर बदल दिए और उन्होंने एजेंसी के पास अपने मूल दस्तावेज जमा नहीं किए।

गौरतलब है कि बालकृष्ण पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे पासपोर्ट बनाने का आरोप है और सीबीआई इसकी जांच कर रही है। वहीं बाबा रामदेव फेमा के उल्लंघन के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय को सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी ने पिछले माह नोटिस भेजकर रामदेव को इससे संबंधित दस्तावेज एजेंसी के पास जमा कराने को कहा था। स्वाभिमान यात्रा पर निकले रामदेव ने दस्तावेज सौंपने के लिए एजेंसी से एक माह का समय मांगा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह जांच से बचने का एक सामान्य तरीका है और ईडी उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह ले रही है।

उधर, उत्तर प्रदेश के हरदोई में बाबा ने कांग्रेस पर खुलकर हमला बोला और कहा कि केंद्र की भ्रष्ट सरकार के प्रत्याशियों को विधान सभा और आगामी चुनाव में लोक सभा में न पहुंचने दें। उन्होंने हालांकि कांग्रेस का नाम तो नहीं लिया, लेकिन बिना नाम लिए ही मौजूद जनसमूह को कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने का संकल्प दिला दिया।

योग शिविर के अंतिम चरणों में उन्होंने युवाओं, महिलाओं और अन्य मौजूद सभी लोगों से पूछा कि विदेशों में जमा 400 लाख करोड़ रुपये देश में कौन सी सरकार नहीं ला रही है। सबका जवाब था केंद्र सरकार। आर्थिक नीतियों में बदलाव करके महंगाई घटाई जा सकती है। बड़े नोट बंद कर भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने मौजूद भीड़ से पूछा कि इन सब कामों को कौन कर सकता है तो सभी ने जबाब दिया कि केंद्र सरकार। इसके बाद उन्होंने कहा जो सरकार काला धन वापस नहीं ला रही, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। उस सरकार के प्रत्याशियों को विधान सभा और लोक सभा में न पहुंचने दें।

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